जीवन जिसमें धूप है,
जीवन जिसमें छाया है,
अनदेखी, अनजानी सी,
अजब, अनोखी माया है |
आँखों से जब नीर बहें,
ज़ंजीर बनें, वो भी जीवन,
आँखों से जब नूर बरसता,
चित हँसता, वो भी जीवन |
वो भी जीवन,
आजीवन जिसमें,
जीने मरने की रीत है,
वो भी जीवन,
आजीवन जिसमें,
कभी हार, कभी जीत है|
जीवन एक भवसागर है,
पल-पल लहरें उठती जिसमें,
जीवन तो है भूल-भुलैया,
कदम-कदम पर धोका जिसमें,
जीवन की हर चाल निराली,
जीवन का हर खेल अजब है,
जीवन से ना अति-मोह लगाना,
समझ सको तो येही समझ है|